वो ढूंढ़ रहे थे मुझे भूल जाने के तरीके… मैने ख़फ़ा होकर उनकी मुश्किल आसान कर दी ..!!
आँखों के समंदर में कभी उतर कर न देखा, दिल के दरिया में कभी बहकर न देखा. सब कहते रहे मुझको कि पत्थर दिल हूँ मैं, मोम का बना था मैं, मगर किसी ने छूकर न देखा..

टूटे हुए कांच की तरह चकनाचुर हो गये.. किसी को लग ना जायें, इसलिए सब सें दूर हो गये…!!
उसके हाथ की गीरफ्त ढीली पड़ी तो महसूस हुआ यही वो जगह है जहाँ रास्ता बदलना है!
आज आई है मेरी याद उसे ज़रूर किसी ने ठुकराया होगा !!
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