Ishq ke Rishte hindi love shayari with image
महोब्बत और नफरत सब मिल चुके हैं मुझे;
मैं अब तकरीबन मुकम्मल हो चोका हूँ!
इश्क के रिश्ते कितने अजीब होते है?
दूर रहकर भी कितने करीब होते है;
मेरी बर्बादी का गम न करो;
ये तो अपने अपने नसीब होते हैं!
कोई ठुकरा दे तू हंस के सह लेना;
मोहब्बत की ताबित में ज़बरदस्ती नहीं होती!
महोब्बत और नफरत सब मिल चुके हैं मुझे;
मैं अब तकरीबन मुकम्मल हो चोका हूँ!
इश्क के रिश्ते कितने अजीब होते है?
दूर रहकर भी कितने करीब होते है;
मेरी बर्बादी का गम न करो;
ये तो अपने अपने नसीब होते हैं!
कोई ठुकरा दे तू हंस के सह लेना;
मोहब्बत की ताबित में ज़बरदस्ती नहीं होती!
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