हम जैसे सिरफिरे ही इतिहास रचते हैं समझदार तो केवल इतिहास पढ़ते हैं ..
Hum jese sirphire hi itihas rachate hai samjdar to keval itihas pathate hai..
वो खुद पर गरूर करते है तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं, जिन्हें हम चाहते है वो आम हो ही नहीं सकते..
Vo khud par gurur karte hai to isame herat ki koi baat nahi, Jinhe hum chahte hai vo aam ho nahi sakte..
क्यो ना गुरूर करू मै अपने आप पे मुझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले हजारो थे..
Kyo na gurur karu me apne ap pe muje usane chaha jisake chahne vale hjaro the..
Hum jese sirphire hi itihas rachate hai samjdar to keval itihas pathate hai..
वो खुद पर गरूर करते है तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं, जिन्हें हम चाहते है वो आम हो ही नहीं सकते..
Vo khud par gurur karte hai to isame herat ki koi baat nahi, Jinhe hum chahte hai vo aam ho nahi sakte..
क्यो ना गुरूर करू मै अपने आप पे मुझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले हजारो थे..
Kyo na gurur karu me apne ap pe muje usane chaha jisake chahne vale hjaro the..
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