तेरे बगैर मरना हो तो मर जायैंगे, मगर जी नही शकते..
Tere bagair marna ho to mar jayenge, magar ji nahi sakte..
किसकी खातिर अब तु धड़कता है ऐ दिल,
अब तो कर आराम की कहानी खत्म हुई..
Kiski khatir ab tu dhadkta hai dil,
ab to kar aaram ki kahaani khatm huye..
ज़माना हो गया देखो मगर चाहत नहीं बदली,
किसी की ज़िद नहीं बदली, मेरी आदत नहीं बदली..
Tere bagair marna ho to mar jayenge, magar ji nahi sakte..
किसकी खातिर अब तु धड़कता है ऐ दिल,
अब तो कर आराम की कहानी खत्म हुई..
Kiski khatir ab tu dhadkta hai dil,
ab to kar aaram ki kahaani khatm huye..
ज़माना हो गया देखो मगर चाहत नहीं बदली,
किसी की ज़िद नहीं बदली, मेरी आदत नहीं बदली..
Jamana ho gaya dekho magar chaht nahi badli,
kisi ki zid nahi badli, meri aadat nahi badli..
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