खोने की दहशत और पाने की चाहत न होती, तो ना ख़ुदा होता कोई और न इबादत होती .
जरूरत और चाहत में बहुत फ़र्क है... कमबख्त़ इसमे तालमेल बिठाते बिठाते ज़िन्दगी गुज़र जाती है !!!!
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है