June 20, 2015
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Romantic Love Poem, Love Poetry in Hindi Font 

तुझसे दूर भी हूँ मैं  और पास भी 
कहने को खुश भी हूँ मैं और उदास भी ,.,


न जाने क्या हो रहा है इन दिनों 
नफरत भी तू ही है और प्यारा एहसास भी ,.,
कब तक मैं फिरता रहूँ इस रेगिस्तान में 
कड़कती धुप भी तू है और मन की प्यास भी ,.,

सब भूल कर तुझे अपना तो बना लूँ मैं 
पर दुश्मन भी तू है और खास भी ,.,


जितना सोचूं उतनी नफरत , जितना भूलूँ उतना प्यार 
बीता हुआ कल भी तू है , आगे का कयास भी ,.,
किस मर्ज की ,किस हक़ीम से क्या दवा लूँ ?
दवा भी तू , दुआ भी तू और आने वाली सांस भी ,.,

कौन आये ग अब उन दरवाजों के पीछे देखने मुझे 
मैं तेरे शहर से काफी दूर भी हूँ और पास भी ,.,

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