September 02, 2015
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Hindi Shayari Poem in Urdu


बरसो के इंतजार का अंजाम लिख दिया
कागज पे शाम काट के फिर शाम लिख दिया
बिखरी पडी थीं टूट के कलियाँ जमीन पर
तरतीब देके मै ने तेरा नाम लिख दिया

आसां नही थी तरक-ए- मुहब्बत की दास्तां
जो ऑसुओ ने आखिरी पैगाम लिख दिया
इस जिंदगी से कहाँ तक निभाऊँ मैं
किस बेवफा के साथ मेरा नाम लिख दिया
तकसीम हो रही थी खुदा की नियामतें
इक इशक बच गया सो मेरा नाम लिख दिया

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