September 10, 2015
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Su-vichar in Hindi on Life 

Wastav me hum kabhi bade nahi hote, hum sirf logo ke bech abhinaye karna shikh jaate h.

Roshni aawaj se teej chalti h, isliye hi kuch log tab tak sundhar lagte h, jab tak wo muh nahi kholte.


संघर्ष में आदमी अकेला होता है सफलता में दुनिया उसके साथ होती है


Lagta tha ki mai Career banana chatata hu, lakin sach to yaha h ki mai sirf salary chahata hu.


बदनामी का डर तो उसे होता है, जिसमे नाम कमाने की हिमंत नही होती..♡


Roshni aawaj se teej chalti h, isliye hi kuch log tab tak sundhar lagte h, jab tak wo muh nahi kholte.


संतुलित दिमाग से जैसी कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है,और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है – चाणक्य

अपमानित होके जीने से अच्छा मरना है.मृत्यु तो बस एक क्षण का दुःख देती है, लेकिन अपमान हर दिन जीवन में दुःख लाता है.- चाणक्य

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