समय का हनन करने वाले व्यक्ति का चित्त सदा उद्विग्न रहता है,
और वह असहाय तथा भ्रमित होकर यूं ही भटकता रहता है
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चिल्ला कर और झल्ला कर बातें करना, बिना सलाह मांगे सलाह देना,
किसी की मजबूरी में अपनी अहमियत दर्शाना और सिद्ध करना,
ये कार्य दुनियां का सबसे कमजोर और असहाय व्यक्ति करता है,
जो खुद को ताकतवर समझता है और जीवन भर बेवकूफ बनता है,
घृणा का पात्र बन कर दर दर की ठोकरें खाता है ।
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उत्तम वाणी, सत्य वचन, धीर गंभीर मृदु वाक्य
मनुष्य को सदा उत्तम वाणी अर्थात श्रेष्ठ लहजे में बात करना चाहिये,
और सत्य वचन बोलना चाहिये, संयमित बोलना, मितभाषी होना अर्थात कम बोलने वाला मनुष्य सदा सर्वत्र सम्मानित व सुपूज्य होता है ।
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कई विषयों के बारे में थोडा थोडा ज्ञान होने से बेहतर है
कि केवल कुछ या केवल एक विषय में ही
मनुष्य निपुण यानि निष्णात हो !
तात्पर्य यह कि बहुत विषयों के कुछ कुछ ज्ञान से केवल
कुछ विषय का पूरा ज्ञान होना अच्छा है
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अच्छा वक्ता बनना है तो अच्छे श्रोता बनो,
अच्छा लेखक बनना है तो अच्छे पाठक बनो,
अच्छा गुरू बनना है तो अच्छे शिष्य बनो,
अच्छा राजा बनना है तो अच्छा नागरिक बनो
अच्छा स्वामी बनना है तो अच्छे नौकर बनो
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