आदत बना ली मैंने खुद को तकलीफ देने की , ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो ज्यादा तकलीफ ना हो !!
शक ना कर मेरी मुहब्बत परपगली....... अगर मै सबूत देने पर आया तो ... तु बदनाम हो जायेगी..!!!
सुना है आज उस की आँखों मे आसु आ गये...... वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है !!
दोस्तो से अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले,, कमबख्त हर बात पर कहते हैं कि तुझे छोडेंगे नहीं.
लिख देना ये अल्फाज मेरी कबर पे...!! मोत अछी है मगर दिल का लगाना अच्छा नहीं...!!
इक बात कहूँ "इश्क", बुरा तो नहीँ मानोगे.... बङी मौज के थे दिन, तेरी पहचान से पहले.
चली जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे ।। इतनी चाहत के बाद जो मेरी ना हुई, वो किसी ओर कि क्या होगी ।
मेरे अल्फ़ाज़ तो चुरा लोगे.. वो दर्द.. कहाँ से लाओगे !!
यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने. कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं !!
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना, कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !!
Dil ke tutne se only ladki ko taklif hota h dil todna to kaise ladkiyo ki fitrat
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