February 01, 2016
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बुरे वक़त में ही सबके असली रंग दिखते हैं … दिन के उजाले में तो पानी भी चांदी लगता है।

एक शराब की बोतल दबोच रखी है.... ##तुजे भुलाने की तरकीब सोच रखी है.....

मैं “किसी से” बेहतर करुं…क्या फर्क पड़ता है..!मै “किसी का” बेहतर करूं…बहुत फर्क पड़ता है..!!

Baat aakhon ki suno _dil mein utar jaati hai.. Zuban ka kya kabhi bi mukkar jaati hai...

ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते.. #लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र याद रहता है...!!

दुनिया में जितनी अच्छी बातें हैं…सब कही जा चुकी हैं…बस उन पर अमल करना बाकी रह गया है॥

तुम्हारा दिल है या किसी मंत्री का इस्तीफा, ...कब से मांग रहा हूँ, दे ही नहीं रही हो..

Ab aur nahi hoti ishq ki ghulami, humse Usse kaho kise hor ki  ho jaye..!

घर वालो चिन्ता है इसको कोन मिलेगी,_ ओर दोस्तो चिन्ता है इसको ओर कितनी मिलेगी...!!

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