ज़माना हो गया देखो मगर चाहत नहीं बदली,
किसी की ज़िद नहीं बदली, मेरी आदत नहीं बदली..
किसी की ज़िद नहीं बदली, मेरी आदत नहीं बदली..
Jamana ho gaya dekho magar chaht nahi badli,
kisi ki zid nahi badli, meri aadat nahi badli..
दो शब्दो मे सिमटी है मेरी मोहब्बत की दास्तान,
उसे टूट कर चाहा और चाह कर टूट गये..
Do shabdo mai simti hai meri mohabbat ki daastan,
use tut kar chaha aur vah kar tut gaye..
ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है तो मेरा लहू लेले,
यू कहानिया अधूरी न लिखा कर..
Ae khuda agar tere pen ki shayaahi khatm hai to mera lahu lele,
yun kahaniya adhuri na likha kar..
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