दिल से चाहे हमें वो प्यार न मिला।
लूटा दिया उसके लिए सब कुछ मैने,
मुसीबत में मुझे मददग़ार न मिला।
मैंने जिन्दगी से पूछा..
सबको इतना दर्द क्यों देती हो ?
जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया..
मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हु,
पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है !!
अब ये न पूछना की..
ये अल्फ़ाज़ कहाँ सेलाता हूँ,
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के,
कुछ अपनी सुनाता हूँ|
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