May 12, 2016
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रुशवाई किससे है मुझे
खफा किससे हूँ मैं ।
खता क्या हुई आखिर मुझसे
जुदा क्यों हूँ मैं ....................
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कभी कभी ऐसा लगता है की मैं अब
जीत गया हूँ । बस जीतते जीतते रह गया ?
और फिर हार गया ।। और कभी कभी
लगता है अब हार रहा हूँ अब हार गया
हूँ । और फिर वही मैं हार गया.......................
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शायद कभी कभी ऐसा लगता है की मेरी
कुण्डलिनी भी जाग्रत हो गयी है.....................
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दिल को छु लेने वाला मेसेज
एक रात मैं अपने कमरे में सो रहा था के अचानक मेरी आँख खुल गई ।
सामने यमदूत को खड़ा देखा...........
मैंने पुछा यहाँ कैसे ?
यमदूत ने कहा कि मैं तेरी माँ को लेने आया हुँ ।
मैं घबरा गया
दिल बैठ गया
आँखें नम हो गई ।

मैंने यमदूत से कहा, एक सौदा करते है, तुम माँ की जिदंगी बक्क्ष दो और मुझे ले चलो ।
यमदूत ने मुस्कुरा कर कहा मै लेने तो तुझे ही आया था पर तुझ से पहले ये सौदा तेरी माँ ने कर लिया.................

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