May 01, 2016
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रुखी रोटी को भी बाँट कर खाते हुये देखा मैंने..!!
“सड़क किनारे वो भिखारी “शहंशाह” निकला…!!

मेरी आँखों की औकात नही कि किसी लड़की को घूर सके
याद रहता है…कि खुदा ने एक बहन मुझे भी दी है..

Heart Touching Lines in Hindi

गाँव में छोड़ आये जो हज़ार गज़ की बुजुर्गों कि हवेली,
वो शहर में सौ गज़ में रहने को खुद की तरक्की कहते हैं…..!”

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