April 27, 2015
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Hindi 2line Quotes Shayari

'ग़ज़ब' की 'एकता' देखी "लोगों की ज़माने में" ... !
'ज़िन्दों' को "गिराने में" और 'मुर्दों' को "उठाने में" ... !!


'ज़िन्दगी' में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री" होगी, ... !
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।

मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से 
ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" "आख़री होगी" ... !!