Hindi 2line Quotes Shayari
'ग़ज़ब' की 'एकता' देखी "लोगों की ज़माने में" ... !
'ज़िन्दों' को "गिराने में" और 'मुर्दों' को "उठाने में" ... !!
'ज़िन्दगी' में ना ज़ाने कौनसी बात "आख़री" होगी, ... !
ना ज़ाने कौनसी रात "आख़री" होगी ।
मिलते, जुलते, बातें करते रहो यार एक दूसरे से
ना जाने कौनसी "मुलाक़ात" "आख़री होगी" ... !!