हम आज भी शतरंज़ का खेल अकेले ही खेलते हे , क्युकी दोस्तों के खिलाफ चाल चलना हमे आता नही ..।
तेवर तो हम वक्त आने पे दिखायेंगे ,, शहेर तुम खरीदलो उस पर हुकुमत हम चलायेंगे…!!!

आदते बुरी नहीं , शौक ऊँचे हैं ,, वर्ना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही की , हम देखे और पुरा ना हो!!!!
-size: large;">हम घोडे के #ट्रिगर पे नहीँ, बल्की खुद के #जीगर पे जीते हे ।
दादागिरी तो हम मरने के बाद भी करेंगे , लोग पैदल चैलेगे और हम कंधो पर ..!!
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