February 17, 2016
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रंग ना देखे, रूप ना देखे,;
ये जवानी की, धुप ना देखे ;
अर्ज़ है, कुछ मजनू बने, कुछ रांझा बने ;
कुछ रोमो, कुछ फरहद हुए ;
इस रंग रूप की चाहत में, जाने कितने बर्बाद हुए !!


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