February 19, 2016
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नमक की तरह हो गयी है जिंदगी, लोग स्वादानुसार इस्तेमाल कर लेते हैं !!!

सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो, मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते...!

ये तो शौक है मेरा ददॅ लफ्जो मे बयां करने का, नादान लोग हमे युं ही शायर समझ लेते है.

है कोई वकील इस जहान में, जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको. 

जिस जिस ने मुहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया, खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया.

मेरे दिल से खेल तो रहे हो तुम पर...... जरा सम्भल के...... ये थोडा टूटा हुआ है कहीं तुम्हे ही लग ना जाए.......!!

हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का, बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम..!

तेरी यादें अक्सर छेड़ जाया करती हैं कभी अा़ँखों का पानी बनकर कभी हवा का झोंका बनकर.!!!

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