February 13, 2016
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रफ्तार कुछ जिंदगी की यू बनाये रखी हैहमने..कि दुश्मन भले आगे निकल जाए पर दोस्त कोई पिछे ना छुटेगा.

सुदामा ने कृष्ण से पुछा “दोस्ती” का असली मतलब क्या है ? कृष्ण ने हंसकर कहा जहाँ “मतलब” होता है, वहाँ दोस्ती कहाँ होती है !

लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता, शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता……!!

दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो , वफा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब हुआ करते हैं….!!

 हँसमुख चेहरा एक जादुई आकर्षण हैं, जो हर किसी को मोह लेता है और मित्र बनाता है। 

शायद फिर वो तक़दीर मिल जाये जीवन के वो हसीं पल मिल जाये चल फिर से बैठें वो क्लास कि लास्ट बैंच पे शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ ।

सोचा था न करेंगे किसी से दोस्ती! न करेंगे किसी से वादा! पर क्या करे दोस्त मिला इतना प्यारा की करना पड़ा दोस्ती का वादा! 

कौन होता है दोस्त? दोस्त वो जो बिन बुलाये आये, बेवजह सर खाए, जेब खाली करवाए, कभी सताए, कभी रुलाये, मगर हमेशा साथ निभाए.

कुछ खोये बिना हमने पाया है, कुछ मांगे बिना हमें मिला है, नाज़ है हमें अपनी तक़दीर पर जिसने आप जैसे दोस्त से मिलाया है !

जो तू चाहे वो तेरा हो, रोशन रातें और खूबसूरत सवेरा हो, जारी रहें हमारी दोस्ती का सिलसिला, कामयाब हर मंजिल पर दोस्त मेरा हो| 

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