उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है, अपना भी नहीं बनाती और किसी का होने भी नहीं देती....!!
मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का.... बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ....!!
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख.... तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया....!!
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है..! वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
ए खुदा..!! मुझे प्यार उसी से हो जो.... मुझे पाकर प्यार में पागल हो जाए....!!
इश्क़ वो नहीं जो तुझे मेरा कर दे.... इश्क़ वो है जो तुझे किसी और का ना होने दे !!
नफ़रत सी हो गई हैँ इस दुनिया से, एक तुम से मोहब्बत करके॥
मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का.... बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ....!!
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख.... तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया....!!
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है..! वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
ए खुदा..!! मुझे प्यार उसी से हो जो.... मुझे पाकर प्यार में पागल हो जाए....!!
इश्क़ वो नहीं जो तुझे मेरा कर दे.... इश्क़ वो है जो तुझे किसी और का ना होने दे !!
नफ़रत सी हो गई हैँ इस दुनिया से, एक तुम से मोहब्बत करके॥
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