बड़ी मुद्दत से चाहा है तुझे! बड़ी दुआओं से पाया है तुझे! तुझे भुलाने की सोचूं भी तो कैसे! किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे!
अगर इश्क़ करो तो अदब-ऐ-वफ़ा भी सीखो,यु दोस्त के रूम पर ले जाकर ठोकना मोहब्बत नही होती !!
हमने लिया सिर्फ होंठों से जो तेरा नाम..दिल होंठो से उलझ पड़ा कि ये सिर्फ मेरा है !!
जिस दिन वो मेरी सलामती की दुआ करती है... उस दिन गोल्ड फ्लैक भी जेब में टूट जाती है !!
कितने कम लफ्जों मे जिंदगी को बयान करूँ, लो तुम्हारा नाम लेकर किस्सा तमाम करूँ !!
ईश्क की होलिया खेलनी छोड दी है हमने वरना हर चेहरे पे रंग हमारा होता !!
कुछ इस तरह वो मेरी बातों का ज़िक्र किया करती है.... सुना है वो आज भी मेरी फिक्र किया करती है....!!
अगर इश्क़ करो तो अदब-ऐ-वफ़ा भी सीखो,यु दोस्त के रूम पर ले जाकर ठोकना मोहब्बत नही होती !!
हमने लिया सिर्फ होंठों से जो तेरा नाम..दिल होंठो से उलझ पड़ा कि ये सिर्फ मेरा है !!
जिस दिन वो मेरी सलामती की दुआ करती है... उस दिन गोल्ड फ्लैक भी जेब में टूट जाती है !!
कितने कम लफ्जों मे जिंदगी को बयान करूँ, लो तुम्हारा नाम लेकर किस्सा तमाम करूँ !!
ईश्क की होलिया खेलनी छोड दी है हमने वरना हर चेहरे पे रंग हमारा होता !!
कुछ इस तरह वो मेरी बातों का ज़िक्र किया करती है.... सुना है वो आज भी मेरी फिक्र किया करती है....!!
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