लम्हे जुदाई के बेकरार करते हैं,
हालत मेरी मुझे लाचार करते हैं,
आँखे मेरी पड़ लो कभी,
हम खुद कैसे कहें की
हम आपसे प्यार करते हैं.
होती रहती है आशिकों से इश्क में गलतियाँ... कोई जन्म से हीं मजनु और रांझा नहीं होता..
कभी प्यार से करे हमें इशारे कोई
कभी हम पर भी दिल अपना हारे कोई
किसी ने सही कहा है की लड़किया 99% धोका देती है पर मेने कहा पगले जो बाकि 1% है वो मेरी है
अहसास-ए-मोहब्बत के लिए तो बस इतना ही काफ़ी है
तेरे बेगैर भी तेरे साथ ही रहती हूँ..!!!!
हालत मेरी मुझे लाचार करते हैं,
आँखे मेरी पड़ लो कभी,
हम खुद कैसे कहें की
हम आपसे प्यार करते हैं.
होती रहती है आशिकों से इश्क में गलतियाँ... कोई जन्म से हीं मजनु और रांझा नहीं होता..
कभी प्यार से करे हमें इशारे कोई
कभी हम पर भी दिल अपना हारे कोई
किसी ने सही कहा है की लड़किया 99% धोका देती है पर मेने कहा पगले जो बाकि 1% है वो मेरी है
अहसास-ए-मोहब्बत के लिए तो बस इतना ही काफ़ी है
तेरे बेगैर भी तेरे साथ ही रहती हूँ..!!!!
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