February 05, 2016
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हम ये नहीं चाहते कि कोई तेरे लिए दुआ ना मांगे , हम तो बस ये चाहते हे कि कोई दुआ में तुझे ना मांगले।

क्यो दिमाग पे जोर दे कर
गिनते हो गलतियाँ मेरी...
कभी दिल पर हाथ रख कर
पूछो के कसूर किसका था.!!

ज़रा सी रंजिश पे न छोड़ो वफ़ा का दामन,
उमरें बीत जाती हैं दिलो के रिश्ते बनाने मॆं.



दिल दिया है ,
उसे संभाल कर रखना
शीशे से बना है
पत्थर से दूर रखना .

वो खुद पर गरूर करते है, तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं,
जिन्हें हम चाहते है, वो आम हो ही नहीं सकते !!

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