जो व्यस्त थे वो व्यस्त ही निकले, वक्त पर फ़ालतू लोग ही काम आये।
वफादार और तुम….?? ख्याल अच्छा है, बेवफा और हम……?? इल्जाम भी अच्छा है….!!
पढ़ाई से कुछ नहीं होता सिर्फ पिता लालू जैसा होना चाहिए।
तुम केवल कर्म करो ……. काण्ड में हम बदल देंगे !
शब्द ही ऐसी चीज़ है जिसकी वजह से इंसान या तो दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता है।
मुस्कराना हर किसी के बस की बात नहीं है… मुस्करा वो ही सकता है जो दिल का अमीर हो।
ब्लॉक कर दे मुझको वरना प्यार हो जायेगा तुझको
मुझे लड़की चाहिए kurkure जैसी जो टेढ़ी हो पर मेरी हो।
पता नहीं कैसे पत्थर की मूर्ति के लिए जगह बना लेते हैं घर में वो लोग जिनके घर माता पिता के लिए स्थान नहीं होता।
बुरे वक़त में ही सबके असली रंग दिखते हैं दिन के उजाले में तो पानी भी चांदी लगता है।
माफ़ी गल्तियों की होती है ..धोखे की नहीं ख़्वाहिशों का कैदी हूँ,मुझे हकीक़तें सज़ा देती हैं!
मैं “किसी से” बेहतर करुं…क्या फर्क पड़ता है..!मै “किसी का” बेहतर करूं…बहुत फर्क पड़ता है..!!
वकत से लड़ कर जो अपना नसीब बद्ल ले..इन्सान वोही जीतता है जो अपनी तकदीर बदल ले..कल क्या होगा ये कभी मत सोचो..क्या पता कल वक्त ही अपनी तस्वीर बदल ले…
मुझे तलाश है जो मेरी रुह से प्यार करे..वरना इन्सान तो पैसों से भी मिल जाया करते हैं…
कुछ यूँ होगा “बादशाहत” का नज़राना हमारी कि पूरा शहर आएगा बंद “आखें ” देखनी हमारी
मशवरा तो खूब देते हो कि खुश रहा करो…कभी खुश रहने की वजाह भी दे दिया करो…!!
मेरे लफ्जों से न कर मेरे किरदार का फैसला ,… तेरा वजूद मिट जाएगा मेरी हकिकत ढूंढते ढूंढते !
जैसा दोगे वैसा ही पाओगे.. फ़िर चाहे इज्ज़त हो या धोखा..!!
अगर फुर्सत के लम्हों मे तुम मुझे याद करते हो तो अब मत करना.. क्योकि मे तन्हा जरूर हुँ, मगर फिजूल बिल्कुल नही.
हम तो बेज़ान चीज़ों से भी वफ़ा करते हैं,तुझमे तो फिर भी मेरी जान बसी है।
0 comments:
Post a Comment
Click to see the code!
To insert emoticon you must added at least one space before the code.