March 19, 2016
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अगर धड़कने ही छिन नी थी, तोह इस पत्थर को दिल क्यों दिया..
Agar dhadkne h chin ni thi, toh iss pathhar ko dil kyo diya..

मेरी फितरत में नहीं अपना गम बयां करना,
अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ तो महसूस कर तकलीफ मेरी..
Meri fitarat me nahi apna gham baya karna,
agar tere vajud ka hissa hu to mahsus kar taklif meri..

मेरे बर्दाश्त करने का अंदाजा तू क्या लगायेगी,
तेरी उम्र से कहीं ज्यादा मेरे जिस्म पर जख्मो के निशाँ हैं..
Mere bardasat karne ka andaja tu kya lagayegi,
teri umar se kahi jyada mere jisam par jakhamo ke nishan hai..

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