April 01, 2016
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मोहब्बत और मौत की पसंद भी अजीब हे ; एक को दिल चाहिये , दुसरे को धडकन ।

मिलने को तो मिलते है दुनिया में कई चेहरे पर तुम सी मोहब्बत हम खुद से भी न कर पाए !!!

इज़ाज़त हो तो एक बात पूछूं, जो हमसे इश्क़ सीखा था, वो अब तुम किससे करते हो ?

क्यो ना गुरूर करू मै अपने आप पे….
मुझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले हजारो थे!

न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी उस अजनबी के लिए , की मेरा दिल भी उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता हे ..!!

वो मेरे दिल पर सिर रखकर सोई थी बेखबर; हमने धड़कन ही रोक ली कि कहीं उसकी नींद ना टूट जाए।

तुम मुझे अच्छे या बुरे नहीं लगते बस अपने लगते हो।

 उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं हे , ये दिल उसका हे , अपना होता तो बात और होती ।

जो उनकी आँखों से बयां होते है, वो लफ्ज़ किताबो में कहाँ होते है....

तुम्हारा दिल है या किसी मंत्री का इस्तीफा, कब से मांग रहा हूँ, दे ही नहीं रही हो.....

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