तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लिया;
तन्हाई के शहर में अपना घर बना लिया;
सुना है लोग पूजते हैं पत्थर को;
इसलिए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया।
सब फूलों की जुदा कहानी है;
खामोशी भी तो प्यार की निशानी है;
ना कोई ज़ख्म है, फिर भी ऐसा एहसास है;
यूँ महसूस होता है कोई आज भी दिल के पास है।
भुला कर हमें वो क्या खुश रह पाएंगे;
साथ में नहीं हमारे जाने के बाद मुस्कुराएंगे;
दुआ है खुद से कि उन्हें दर्द ना देना;
हम तो सह गए, पर वो टूट जाएंगे।
भूल जाने का हौसला ना हुआ;
दूर रह कर भी वो जुदा ना हुआ;
उनसे मिल कर किसी और से क्या मिलते;
कोई दूसरा उनके जैसा ना हुआ!
नफ़रत कभी ना करना तुम हमसे;
यह हम सह नहीं पायेंगे;
एक बार कह देना हमसे, ज़रूरत नहीं अब तुम्हारी;
तुम्हारी दुनियाँ से हंसकर चले जायेंगे!
तन्हाई के शहर में अपना घर बना लिया;
सुना है लोग पूजते हैं पत्थर को;
इसलिए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया।
सब फूलों की जुदा कहानी है;
खामोशी भी तो प्यार की निशानी है;
ना कोई ज़ख्म है, फिर भी ऐसा एहसास है;
यूँ महसूस होता है कोई आज भी दिल के पास है।
भुला कर हमें वो क्या खुश रह पाएंगे;
साथ में नहीं हमारे जाने के बाद मुस्कुराएंगे;
दुआ है खुद से कि उन्हें दर्द ना देना;
हम तो सह गए, पर वो टूट जाएंगे।
भूल जाने का हौसला ना हुआ;
दूर रह कर भी वो जुदा ना हुआ;
उनसे मिल कर किसी और से क्या मिलते;
कोई दूसरा उनके जैसा ना हुआ!
नफ़रत कभी ना करना तुम हमसे;
यह हम सह नहीं पायेंगे;
एक बार कह देना हमसे, ज़रूरत नहीं अब तुम्हारी;
तुम्हारी दुनियाँ से हंसकर चले जायेंगे!
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